Health
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घुटने में दर्द को न करें नजरअंदाज: गाड़ी चलाते समय अपनी पोजिशन का रखें ध्यान गाड़ी चलाते समय घुटने का दर्द: क्या है पैटेलर टेंडिनोपैथी और इसका इलाजअगर आप लंबे समय तक गाड़ी चलाते हैं और आपके घुटने में अक्सर दर्द रहता है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह सिर्फ थकान नहीं, बल्कि एक गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है, जिसे पैटेलर टेंडिनोपैथी (Patellar Tendinopathy) कहते हैं। यह स्थिति उन लोगों में आम है जो अपनी नौकरी या दैनिक जीवन में लंबे समय तक गाड़ी चलाते हैं। इस लेख में हम इस बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे।पैटेलर टेंडिनोपैथी क्या है?पैटेलर टेंडिनोपैथी घुटने के नीचे स्थित पैटेलर टेंडन (Patellar Tendon) में सूजन और क्षति के कारण होने वाली एक स्थिति है। यह टेंडन घुटने की कटोरी (पटेला) को पिंडली की हड्डी (टिबिआ) से जोड़ता है। जब आप गाड़ी चलाते समय बार-बार क्लच, ब्रेक या एक्सीलरेटर पैडल का उपयोग करते हैं, तो यह टेंडन लगातार तनाव में रहता है। समय के साथ, इस पर पड़ने वाला दबाव इसे कमजोर कर देता है, जिससे दर्द और सूजन होती है।लक्षण और पहचानपैटेलर टेंडिनोपैथी के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और शुरुआत में हल्के हो सकते हैं। प्रमुख लक्षणों मे -
चश्मे की सफाई का सही तरीका: 10 आसान टिप्स जो आपके चश्मे को रखेंगे नया जैसा। आजकल चश्मा पहनना बहुत आम हो गया है, चाहे वह दृष्टि सुधार के लिए हो या सिर्फ धूप से बचाव के लिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चश्मे की सही देखभाल न करने से आपकी आंखों की रोशनी पर भी असर पड़ सकता है? अक्सर लोग चश्मा साफ करने के लिए कुछ गलतियां करते हैं, जिससे लेंस पर खरोंच आ जाती है और वे धुंधले हो जाते हैं। एक धुंधला या खराब लेंस आपके विजन को प्रभावित कर सकता है और आंखों पर अतिरिक्त तनाव डाल सकता है। यहाँ हम कुछ ऐसी गलतियों और चश्मा साफ करने के 10 सही तरीकों पर चर्चा करेंगे, ताकि आपके चश्मे और आपकी आंखें दोनों स्वस्थ रहें।चश्मा साफ करते समय न करें ये गलतियांकपड़ों से साफ करना: लोग अक्सर चश्मा साफ करने के लिए अपनी शर्ट, टी-शर्ट या किसी भी कपड़े का इस्तेमाल करते हैं। यह सबसे आम गलती है। कपड़ों के रेशे लेंस पर धूल के कणों को रगड़ सकते हैं, जिससे लेंस पर बारीक खरोंचें पड़ जाती हैं।थूक का इस्तेमाल: यह एक और बड़ी गलती है। थूक में कई तरह के बैक्टीरिया और कण होते हैं, जो लेंस को और गंदा कर सकते हैं। यह सफाई के बजाय लेंस को नुकसान पहुंचाता है।पेपर नैपकिन या टिशू पेपर का उपयोग: -
रोजाना सिर्फ 10 मिनट प्रकृति के बीच समय बिताना क्यों आपके स्वास्थ्य के लिए वरदान है आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम तकनीक और स्क्रीन में इतने उलझ गए हैं कि प्रकृति के साथ जुड़ाव कम हो गया है। जबकि न्यूट्रिशनिस्ट और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि नेचर से जुड़ना मानसिक और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। अगर आप रोज सिर्फ 10 मिनट प्रकृति के बीच बिताते हैं, तो यह आपकी सेहत और मूड दोनों को बेहतर बना सकता है। क्यों जरूरी है प्रकृति से जुड़ना? प्रकृति हमें संतुलन, शांति और पॉजिटिविटी का अहसास कराती है। हरे-भरे पेड़, ताज़ी हवा और प्राकृतिक रोशनी हमारे दिमाग को रिलैक्स करती है और तनाव को कम करती है। प्रकृति के साथ समय बिताने के 11 फायदे स्ट्रेस कम होता है – नेचर थैरेपी से कॉर्टिसोल लेवल कम होता है। मानसिक स्वास्थ्य में सुधार – डिप्रेशन और एंग्जाइटी के लक्षण कम होते हैं। फोकस और क्रिएटिविटी बढ़ती है – ग्रीन स्पेस ब्रेन को रिचार्ज करते हैं। इम्यून सिस्टम मजबूत होता है – प्राकृतिक माहौल में माइक्रोब्स इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है – शांत माहौल हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा है। नींद बेह -
इंस्टेंट नूडल्स के ज्यादा सेवन से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान भारत में इंस्टेंट नूडल्स की खपत तेजी से बढ़ रही है और हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार देश दुनिया में चौथे नंबर पर है। बच्चों से लेकर बड़ों तक, कई लोग इंस्टेंट नूडल्स को स्नैक या क्विक मील के रूप में पसंद करते हैं। इसका मुख्य कारण है इसका आसानी से बन जाना, किफायती दाम और स्वाद। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इंस्टेंट नूडल्स का अधिक सेवन सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। न्यूट्रिशनिस्ट की चेतावनी डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट का मानना है कि इंस्टेंट नूडल्स में उच्च मात्रा में सोडियम, प्रिजर्वेटिव्स और रिफाइंड फ्लोर (मैदा) होता है। अधिक सोडियम का सेवन ब्लड प्रेशर (बीपी) बढ़ाने का कारण बन सकता है। साथ ही, प्रिजर्वेटिव्स और एडिटिव्स शरीर में इंफ्लेमेशन को बढ़ाते हैं, जिससे लंबे समय में क्रॉनिक बीमारियों का खतरा बढ़ता है। क्यों है इंस्टेंट नूडल्स खतरनाक? इंस्टेंट नूडल्स में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा बेहद कम होती है, जिससे यह पेट भरने का अहसास तो देता है, लेकिन पोषण नहीं। साथ ही, इसमें मौजूद ट्रांस फैट और फ्लेवर्ड सीज़निंग पैकेट हृदय स्वास्थ्य प -
मॉनसून में स्किन इंफेक्शन से बचें: अपनाएं ये आसान उपाय मॉनसून का मौसम राहत और ठंडक लेकर आता है, लेकिन साथ ही यह मौसम त्वचा संक्रमण (स्किन इंफेक्शन) का खतरा भी बढ़ा देता है। लगातार आर्द्रता (Humidity) और नमी के कारण फंगल इन्फेक्शन, बैक्टीरियल इन्फेक्शन, एलर्जी और खुजली जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि हम कुछ सरल उपाय अपनाकर अपनी स्किन हेल्थ को सुरक्षित रखें और संक्रमण से बचें। नमी से बचें और त्वचा को ड्राई रखें पसीना और नमी स्किन इंफेक्शन का सबसे बड़ा कारण बनते हैं। कोशिश करें कि त्वचा हमेशा सूखी रहे। नहाने के बाद स्किन को अच्छे से पोंछें और यदि ज़रूरी हो तो एंटी-फंगल पाउडर का इस्तेमाल करें। हल्के और सांस लेने वाले कपड़े पहनें मॉनसून में हमेशा कॉटन या हल्के कपड़े पहनें ताकि पसीना आसानी से सूख सके। टाइट कपड़े पहनने से नमी रुक जाती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। स्वच्छता का ध्यान रखें इस मौसम में रोज़ाना नहाना बेहद ज़रूरी है। यदि बारिश में भीग जाएं तो तुरंत कपड़े बदलें और स्नान करें। गंदे कपड़ों को बार-बार पहनने से फंगल इंफेक्शन बढ़ सकता है। सही खान-पान अपनाएं इम्यून सिस्टम को मजबूत रख -
भावनाओं पर कंट्रोल खोने से होती हैं गलतियां: जानें क्या है एमिग्डला हाइजैक और इससे कैसे बचें हम सभी कभी न कभी ऐसा महसूस करते हैं कि हम गुस्से में कुछ ज्यादा बोल गए, डर के कारण ठीक से प्रतिक्रिया नहीं दे पाए, या खुशी में कुछ ऐसा कर बैठे जो बाद में पछतावा बना। ऐसे में अक्सर लोग कहते हैं, “उस वक्त तो होश ही नहीं था।” विज्ञान की भाषा में इसे ही कहते हैं – एमिग्डला हाइजैक। क्या है एमिग्डला? एमिग्डला हमारे दिमाग का एक छोटा सा भाग होता है, जो भावनाओं को नियंत्रित करने का काम करता है। यह खासतौर पर डर, खतरे, गुस्से और खुशी जैसी भावनाओं पर तुरंत प्रतिक्रिया देता है। जब एमिग्डला सक्रिय होता है, तो वह दिमाग के दूसरे हिस्से prefrontal cortex (जो सोच-समझ और लॉजिकल डिसीजन लेता है) को ‘हाइजैक’ कर लेता है। इससे हमारी सोचने-समझने की क्षमता क्षीण हो जाती है और हम आवेग में आकर गलत निर्णय ले सकते हैं। एमिग्डला हाइजैक के लक्षण अचानक तेज गुस्सा आ जाना डर या घबराहट में Freeze कर जाना बाद में अपने व्यवहार पर पछतावा होना कोई बात बिना सोचे तुरंत प्रतिक्रिया देना जरूरी बातों पर भी ध्यान न दे पाना यह क्यों होता है? एमिग्डला हाइजैक आमतौर पर तब होता है जब हमारा मस्तिष्क किसी स्थिति क -
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से डायबिटीज प्रबंधन आसान डायबिटीज प्रबंधन में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोगडायबिटीज आज के समय में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गई है, और इसे नियंत्रित करना कई लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आयुर्वेद, जो प्राकृतिक उपचार का प्राचीन विज्ञान है, डायबिटीज के प्रबंधन में प्रभावी विकल्प प्रदान करता है। इसमें उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटियाँ न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित करती हैं, बल्कि शरीर को समग्र रूप से स्वस्थ भी बनाती हैं।1. जामुनजामुन की गुठली डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान मानी जाती है। इसमें पाए जाने वाले सक्रिय तत्व ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करते हैं। गुठली के चूर्ण का सेवन खाली पेट करने से रक्त शर्करा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।2. मेथीमेथी के बीज में फाइबर की प्रचुरता होती है, जो शुगर अवशोषण की प्रक्रिया को धीमा करता है। इसे रातभर पानी में भिगोकर सुबह सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है।3. आमलाआंवला विटामिन C का अच्छा स्रोत है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह अग्न्याशय (पैंक्रियास) को बेहतर कार्य करने में मदद करता है और इंसुलिन उ -
यूरिक एसिड कम करने के घरेलू उपाय: डाइट में शामिल करें ये फूड्स यूरिक एसिड से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये उपाययूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन नामक तत्व के टूटने से बनने वाला एक वेस्ट प्रॉडक्ट है। यह खून के माध्यम से गुर्दों में जाता है, जहां से इसे यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकाला जाता है। लेकिन जब शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है, तो यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि गाउट, जोड़ों में सूजन और दर्द, या गुर्दे की पथरी। इस स्थिति को हाइपरयूरिसेमिया कहा जाता है।यूरिक एसिड नियंत्रित करने के लिए प्रभावी आहार:सही खानपान से यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। नीचे दिए गए खाद्य पदार्थ इस समस्या को कम करने में मददगार हो सकते हैं:नींबू पानी:नींबू में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है, जो यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में सहायक है। सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू का रस मिलाकर पीना लाभकारी है। चेरी और बेरीज:चेरी और अन्य बेरीज़ जैसे स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं। ये सूजन को कम करती हैं और यूरिक एसिड को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं। -
भारत में कोविड-19 के 922 नए मामले सामने आए, सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 11,903 हो गई भारत ने बुधवार को 922 नए COVID-19 मामलों की सू -
H3N2 वायरस फैलने के कारण पुडुचेरी के स्कूल 10 दिनों के लिए बंद H3N2 वायरस फैलने के कारण पुडुचेरी में सभ -
भारत ने कर्नाटक में पहली H3N2 मौत की रिपोर्ट दी: इन्फ्लुएंजा के लक्षणों वाला एक 82 वर्षीय व्यक्ति भारत ने शुक्रवार को कर्नाटक में H3N2 वाय -
झारखंड में बोकारो के बाद रांची में बर्ड फ्लू का प्रकोप बोकारो जिले में बीमारी के कारण 4,000 मुर् -
छठ पूजा--पौराणिक काल की विधि से होनेवाला एकमात्र पर्व हिन्दू धर्म के पांच दिन के दिवाली महा -
आमिर खान को हुआ कोरोना, अभिनेता ने खुद को किया क्वारंटीन बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान कोरोना संक् -
गुजरात में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,056 नए मामले सामने आए. 10 अगस्त गुजरात में सोमवार को कोरोना वा -
अब जिम और योगा सेंटर में भी गाइडलाइन का करना होगा पालन। केन्द्र सरकार ने अनलॉक 3 की गाइडलाइन्स -
कैबिनेट की बैठक रद्द: कोरोना मामले की समीक्षा करने के लिए सीएम और डे.सीएम राजकोट वडोदरा जाएंगे.. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता -
झारखंड में मास्क नहीं पहना तो देना होगा 1 लाख का जुर्माना, होगी 2 साल की जेल ? जानिए पूरा मामला ... रांचीः कोरोना संकटकाल के दौरान जहां स -
106 साल के बुजुर्ग से 3 साल के बच्चे तक...एक परिवार के 7 कोरोना पॉजिटिव लोग हो गए स्वस्थ. गुजरात के सूरत शहर में एक परिवार के सा -
गुजरातः गोधरा की दूसरी सबसे बड़ी मस्जिद के ग्राउंड फ्लोर पर बना कोविड केयर सेंटर, पूरा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है। ग -
गुजरात के सूरत जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए लोगों की संख्या 11 हजार से अधिक हुई. सूरत, 22 जुलाई , गुजरात के सूरत जिले में ए -
पिता ने बेटे के बिना 5 महीने बिताए, फिर भी प्रशासन चुप है, परिवार अभी भी आस लगाई बैठा है। यह वड़ोदरा शहर में रहने वाले सामान्य क -
अहमदाबाद में कोरोना वोरियर्स के रूप में उत्कृष्ट सेवा लिए मिला अवॉर्ड। अहमदाबाद सिविल अस्पताल और बीजे अस्पत -
कोचीन शिपयार्ड ने नॉर्वे से स्वायत्त इलेक्ट्रिक फेरी का ऑर्डर जीता। INDIA के सबसे बड़े कॉमर्शियल जहाज कोचीन श -
अमिताभ ,अभिषेक के बाद आराध्या और ऐश्वर्या का भी रिपोर्ट पॉज़िटिव ,जया बच्चन नेगेटिव ऐश्वर्या राय बच्चन और उनकी बेटी आराध् -
देश का सबसे पहला बुलेट बाइक एम्बुलेंस अहमदाबाद के शाहपुर में रहने वाले एक व् -
अगर राज्यसभा चुनाव होते हैं, तो गांधीनगर नगर निगम की आम सभा क्यों नहीं ?: विपक्ष नेता गांधीनगर शहर में बढ़ते मामलों को लेकर -
भारत के पहले कोविड-19 टीके 'COVAXIN' को ह्यूमन ट्रायल की मिली मंजूरी। भारत के पहले स्वदेशी कोविड-19 टीके को भा -
गुजरात सरकार ने कोरोना टेस्ट की फीस में की कटौती अब 2500रुपये में होगा टेस्ट राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद् -
सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी में वार्षिक रथयात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी में वार -
केंद्र सरकार ने राज्यों को कोरोना से लड़ने में मदद के लिए विशेषज्ञ समूह का किया गठन कोविड-19 की वजह से मौतों की बढ़ती संख्या -
मुन्नाभाई एमबीबीएस ' के एक्टर सुरेंद्र राजन की मदद के लिए आगे आए सोनू सूद , घर पहुंचाने का किया वादा.. सोनू सूद बिना रुके बिना थके मजदूरों क - View all