कोविड-19 से स्वस्थ होने की दर बढकर 48 प्रतिशत से अधिक हुई
देश में कोविड-19 के ठीक होने की दर 48 दशमलव शून्य सात प्रतिशत हो गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि अब तक 95 हजार 527 रोगी ठीक हो गए हैं। इस दर में निरंतर सुधार हो रहा है। लॉकडाउन के पहले चरण में रोगियों के ठीक होने की दर 11 दशमलव चार दो प्रतिशत थी, जो दूसरे चरण में 27 प्रतिशत से अधिक हो गई। 18 मई को समाप्त लॉकडाउन के तीसरे चरण में यह दर 38 दशमलव दो नौ प्रतिशत थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने आज नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि भारत में कोविड-19 रोगियों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन विश्व के अन्य देशों की तुलना में यह संख्या कम है और मृत्यु भी कम हो रही है। विश्व के 14 प्रमुख देशों में भारत की तुलना में रोगियों की संख्या 22 दशमलव पांच प्रतिशत अधिक है और कोविड-19 से 55 दशमलव दो प्रतिशत ज्यादा रोगियों की मृत्यु हुई है। अधिकारी ने बताया कि निगरानी, संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की पहचान करने, आइसोलेशन और समय से क्लिनिकल प्रबंधन के कारण देश में मृत्यु दर घटी है। 15 अप्रैल को मृत्यु दर तीन दशमलव तीन शून्य प्रतिशत थी। अब यह दो दशमलव आठ दो प्रतिशत है, जो विश्व के अन्य देशों की तुलना में सबसे कम है। वैश्विक मृत्यु दर छह दशमलव एक तीन प्रतिशत है।
भारत में एक लाख की जनसंख्या पर शून्य दशमलव चार एक प्रतिशत रोगियों की मृत्यु हो रही है, जो विश्व के चार दशमलव नौ प्रतिशत की तुलना में कम है। अधिकारी ने कोविड-19 रोगियों की संख्या को कम बताए जाने के दावों का खंडन करते हुए कहा कि राज्य रोगियों की मृत्यु का आकलन कर रहे हैं और उसी के अनुसार मृत्यु के कारण का पता लगा रहे हैं।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अधिकारी ने बताया कि पिछले दो महीनों के दौरान कोविड-19 जांच सुविधाओं में निरंतर वृद्धि की गई। अब रोजाना एक लाख नमूनों की जांच की जा रही है। देश में 681 प्रयोगशालाओं को कोविड-19 जांच की अनुमति दी गई है। इनमें 476 सरकारी और 205 निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाएं थीं।