सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी में वार्षिक रथयात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी में वार्षिक रथयात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोरोना वायरस (कोविद -19) महामारी के कारण रथयात्रा को रोकने का निर्णय लिया गया था। अदालत ने कहा कि जगन्नाथ रथयात्रा और अन्य सभी संबंधित गतिविधियों के उत्सव पर पुरी में प्रतिबंध है। अदालत ने कहा, "लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डाला जा सकता है।"
इस मामले की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय की एक पीठ ने की थी। अदालत ने कहा, "भगवान जगन्नाथ इस साल रथयात्रा में शामिल होने पर हमें माफ नहीं करेंगे।"
अदालत ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों की भीड़ या भीड़ को अनुमति नहीं दी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा के हित में रथयात्रा को इस साल की अनुमति नहीं दी जा सकती है। अदालत ने अपने आदेश में राज्य सरकार के आदेश का भी हवाला दिया। जनसभा को 30 जून तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
इससे पहले, ओडिशा उच्च न्यायालय ने कहा था कि राज्य सरकार पर यह तय करना है कि वह धार्मिक कार्यों को आयोजित करे या नहीं, लेकिन अगर उसने कार्यक्रम को मंजूरी दे दी, तो कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाना चाहिए। और उसी समय किसी को मशीनों या हाथियों द्वारा लोगों के बजाय एक रथ खींचने पर विचार करना चाहिए।