पिता ने बेटे के बिना 5 महीने बिताए, फिर भी प्रशासन चुप है, परिवार अभी भी आस लगाई बैठा है।
यह वड़ोदरा शहर में रहने वाले सामान्य के परिवार की आपबीती है। यह परिवार सयाजीबाग इलाके में रहता है। हमेशा की तरह, परिवार के लोग काम पर जाते हैं और शाम को आते हैं, जिसमें रवींद्र पांडे का खोया हुआ बेटा दिव्यांग था, जो बोल या सुन नहीं सकता था। रवींद्र पांडेय और उनकी पत्नी करण के अनुसार, उनका 14 वर्षीय बेटा करन सुबह जब काम पर जाता है और शाम को आता है तो वह सो जाता है।
लेकिन जब वह 15-2-2020 को शाम को घर लौटा, तो करण घर पर नहीं था। उसने अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों से भी पूछताछ की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। उसके परिवार के कई लोग उसकी तलाश करने गए, लेकिन करण नहीं मिला।
फिर उसने पुलिस स्टेशन को सूचित किया और करण की फोटो और सारी जानकारी दी। पुलिस ने आवेदन के आधार पर जांच की, लेकिन 3 दिन बाद भी करण नहीं मिला। फिर वे पुलिस स्टेशन गए और शिकायत दर्ज कराई। 22/02/2020 को पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज की और उन्हें आश्वस्त किया।
परिवार के सदस्यों ने येभी कहा कि मार्च महीने से देश मे कोरोना महामारी चल रही है इसकी बजह से कोई जांच नहीं हो रही होगी लेकिन अभी कुछ दिन पहले हमने प्रशासन से पूछा कि कोई खबर मिली है ? फिर भी हमे कोई जवाब नही मिला ।अभी हम लोग मदद मांगे तो किस से मांगे ?
लगभग 1 महीने के बाद जब उन्हें कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने पुलिस आयुक्त कार्यालय में आवेदन दिया और जांच की मांग की। उन्होंने आवेदन पत्र भी कलेक्टर को सौंप दिया। पूरी घटना को आज लगभग 5 महीने हो गए हैं। अभी भी कोई उम्मीद नही छोड़ी है .... वे दिन-रात उसी विचार में बिता रहे हैं कब वे अपने बेटे को पा लेंगे ....।
उन्होंने यह भी अपील की है कि अगर किसी को करण के बारे में जानकारी मिलती है, तो वे इसे नजदीकी पुलिस स्टेशन को रिपोर्ट करें या इस नंबर 07572964381 पर भी रिपोर्ट करें।