प्रशांत किशोर पर पटना में लगा पोस्टर 'चारा चोर से बड़ा चोर' तेजप्रताप का अखिलेश को अनफॉलो करना गठबंधन की अंदरूनी मुश्किलें
बिहार की राजनीति में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और विधायक तेजप्रताप यादव अक्सर अपने विवादास्पद कदमों से सुर्खियां बटोरते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने एक और बड़ा कदम उठाते हुए समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया अखिलेश यादव को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अनफॉलो कर दिया है। अखिलेश यादव विपक्षी I.N.D.I.A. गठबंधन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं और तेजप्रताप का यह एक्शन गठबंधन के भीतर सबकुछ ठीक न होने का संकेत दे रहा है। हालांकि, इस अनफॉलो करने के पीछे का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसे दोनों पार्टियों के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब I.N.D.I.A. गठबंधन आगामी चुनावों के लिए सीट शेयरिंग फॉर्मूले को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहा है।
पटना में प्रशांत किशोर पर तीखा हमला
एक तरफ तेजप्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव से दूरी बनाई है, तो दूसरी तरफ पटना में लगाए गए एक पोस्टर ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पर सीधा और तीखा हमला किया है। पटना की सड़कों पर एक पोस्टर दिखाई दिया, जिसमें प्रशांत किशोर को 'चारा चोर से बड़ा चोर' बताया गया। यह सीधा हमला लालू प्रसाद यादव के बहुचर्चित चारा घोटाला केस की तरफ इशारा करता है, जहां प्रशांत किशोर को चारा चोर से भी बड़ा चोर बताया गया है। इस पोस्टर के पीछे किसका हाथ है, यह साफ नहीं है, लेकिन यह प्रशांत किशोर और RJD के बीच चल रही जुबानी जंग और तीखे राजनीतिक विवाद को सतह पर लाता है। प्रशांत किशोर लगातार लालू और तेजस्वी यादव पर हमलावर रहे हैं, और यह पोस्टर उसी का पलटवार माना जा रहा है।
दशहरे तक I.N.D.I.A. गठबंधन में सीट शेयरिंग की डेडलाइन
इन राजनीतिक ड्रामों के बीच, I.N.D.I.A. गठबंधन सीट शेयरिंग फॉर्मूले को अंतिम रूप देने की कोशिशों में जुटा हुआ है। गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं ने सीट शेयरिंग को लेकर दशहरे (Dushera) तक की डेडलाइन तय की है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर, गठबंधन के लिए एकजुटता प्रदर्शित करना और सीटों के बंटवारे को बिना किसी बड़े विवाद के निपटाना अत्यंत आवश्यक है। हालांकि, तेजप्रताप का अखिलेश को अनफॉलो करना और प्रशांत किशोर के खिलाफ पोस्टरबाजी जैसी घटनाएं I.N.D.I.A. गठबंधन की अंदरूनी मुश्किलों को उजागर करती हैं, जिससे सीट शेयरिंग की बातचीत पर भी असर पड़ सकता है।