सौरव गांगुली का नया मिशन: CAB अध्यक्ष बनकर ईडन गार्डन्स की क्षमता 1 लाख तक करने का लिया संकल्प
कोलकाता: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली एक बार फिर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) के अध्यक्ष बन गए हैं। छह साल के लंबे अंतराल के बाद यह उनकी CAB में वापसी है। इस पद पर रहते हुए उन्होंने कुछ बड़े लक्ष्यों की घोषणा की है, जिसमें ईडन गार्डन्स की दर्शक क्षमता को बढ़ाकर 1 लाख तक करना सबसे महत्वपूर्ण है। यह घोषणा उन्होंने CAB की वार्षिक आम बैठक (AGM) के बाद की।
गांगुली ने कहा कि ईडन गार्डन्स को एक बार फिर दुनिया के सबसे बेहतरीन स्टेडियमों में से एक बनाने का उनका सपना है। उन्होंने कहा, ‘हमारा सबसे पहला और सबसे बड़ा लक्ष्य ईडन गार्डन्स की क्षमता को मौजूदा 68,000 से बढ़ाकर 1 लाख करना है। इसके लिए हम राज्य सरकार और BCCI के साथ मिलकर काम करेंगे।’ गांगुली ने यह भी बताया कि इस प्रोजेक्ट पर काम जल्द ही शुरू होगा और इसका उद्देश्य स्टेडियम को और अधिक आधुनिक सुविधाओं से लैस करना है। इसमें नई दर्शक दीर्घाएं, बेहतर ड्रेनेज सिस्टम और अत्याधुनिक लाइट्स शामिल होंगी।
गांगुली के लिए CAB अध्यक्ष का पद कोई नया नहीं है। वह इससे पहले 2015 से 2019 तक CAB के अध्यक्ष रह चुके हैं, जिसके बाद वह BCCI के अध्यक्ष बने। उनके कार्यकाल में CAB ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे, जिसमें ईडन गार्डन्स का नवीनीकरण और बंगाल क्रिकेट को बढ़ावा देना शामिल था। अपनी वापसी पर गांगुली ने कहा कि वह बंगाल क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं CAB में वापस आकर बहुत खुश हूं। हम मिलकर बंगाल में क्रिकेट का ढांचा मजबूत करेंगे और युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका देंगे।’
सौरव गांगुली ने बंगाल में क्रिकेट के विकास के लिए कुछ और योजनाओं का भी खुलासा किया। उन्होंने कहा कि CAB जिला स्तर पर क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों से भी खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने का मौका मिल सके। इसके अलावा, उन्होंने महिला क्रिकेट और अंडर-19 क्रिकेट पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही।
गांगुली की वापसी से बंगाल क्रिकेट समुदाय में उत्साह का माहौल है। उनके नेतृत्व में बंगाल क्रिकेट के बेहतर भविष्य की उम्मीदें बढ़ गई हैं। क्रिकेट के मैदान से लेकर प्रशासन तक, गांगुली ने हमेशा अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया है।