खेल भावना के उल्लंघन पर सिद्रा अमीन को सजा ICC ने आचार संहिता के उल्लंघन के लिए डिमेरिट पॉइंट दिया
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम की बल्लेबाज सिद्रा अमीन को खेल के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के लिए डिमेरिट पॉइंट दिया है और साथ ही फटकार भी लगाई है सिद्रा अमीन को यह सज़ा भारत के खिलाफ एक मैच के दौरान आउट होने के बाद क्रीज पर अपना बैट पटकने के कारण दी गई है यह घटना क्रिकेट की भावना और ICC की आचार संहिता के लेवल 1 के उल्लंघन के तहत आती है।
मैच के दौरान यह घटना तब हुई जब सिद्रा अमीन भारत की गेंदबाजी के सामने अपनी पारी में एक बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में आउट हो गईं पवेलियन लौटते समय अपनी निराशा को नियंत्रित न कर पाने के कारण उन्होंने क्रीज पर अपना क्रिकेट बैट जोर से पटका यह कृत्य क्रिकेट के मैदान पर उपकरणों के दुरुपयोग और सार्वजनिक रूप से गुस्सा व्यक्त करने जैसा था जिसका संज्ञान मैच रेफरी ने लिया।
ICC ने एक आधिकारिक बयान जारी कर पुष्टि की कि सिद्रा अमीन को आचार संहिता के अनुच्छेद 2 2 का दोषी पाया गया है जो क्रिकेट उपकरण के दुरुपयोग से संबंधित है इस उल्लंघन के कारण उनके अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट पॉइंट जोड़ दिया गया है इसके अलावा उनके मैच फीस से किसी तरह की कटौती की गई है या नहीं इस बारे में तत्काल कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है लेकिन आधिकारिक फटकार की पुष्टि हुई है।
यह ध्यान देने योग्य है कि जब कोई खिलाड़ी 24 महीने की अवधि में चार डिमेरिट पॉइंट तक पहुंच जाता है तो वह निलंबन अंक (Suspension Points) में बदल जाता है और खिलाड़ी को निलंबन का सामना करना पड़ सकता है यानी एक निश्चित संख्या के मैचों से प्रतिबंधित किया जा सकता है सिद्रा अमीन का यह पहला डिमेरिट पॉइंट है इसलिए उन पर कोई मैच प्रतिबंध नहीं लगाया गया है लेकिन यह भविष्य के लिए एक चेतावनी है।
सिद्रा अमीन ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और मैच रेफरी द्वारा प्रस्तावित सजा को स्वीकार कर लिया है इसलिए मामले की औपचारिक सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी क्रिकेट जगत में खिलाड़ियों को हमेशा खेल भावना बनाए रखने और अपनी निराशा को शालीनता से व्यक्त करने की सलाह दी जाती है भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच अक्सर हाई वोल्टेज होते हैं जहां भावनाओं का उबाल चरम पर होता है लेकिन ICC ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी परिस्थितियों में भी अनुशासन सर्वोपरि है और किसी भी खिलाड़ी को खेल के नियमों का उल्लंघन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।