मातृभाषा ही बच्चों का भविष्य: अमित शाह ने अहमदाबाद में दिया बड़ा बयान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का समर्थन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज से दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इस दौरे का मुख्य आकर्षण अहमदाबाद में उनका एक कार्यक्रम था, जिसमें उन्होंने मातृभाषा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा से बच्चों को वह सब सिखाया जा सकता है जो कोई पाठ्यक्रम नहीं सिखा सकता। यह बयान राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है, जो प्राथमिक शिक्षा में मातृभाषा के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर देती है। अमित शाह का यह कहना न केवल शिक्षाविदों के लिए, बल्कि माता-पिता और शिक्षकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है। उनका मानना है कि बच्चे अपनी मातृभाषा में अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं, जिससे उनका समग्र विकास होता है।
मातृभाषा का महत्व और व्यक्तिगत विकास
अमित शाह ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि मातृभाषा केवल भाषा नहीं, बल्कि एक संस्कृति, परंपरा और संस्कारों का वाहक है। जब बच्चे अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करते हैं, तो वे अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अपनी पहचान को लेकर अधिक स्पष्ट होते हैं। उन्होंने कहा कि "मातृभाषा के माध्यम से हम बच्चों को वो नैतिक मूल्य और जीवन कौशल सिखा सकते हैं, जो उन्हें जीवन में सफलता के लिए तैयार करते हैं। यह एक ऐसा आधार है, जिस पर भविष्य की शिक्षा का निर्माण होता है।" उनका यह बयान उन सभी माता-पिता के लिए एक प्रेरणा है जो अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भेजने का दबाव महसूस करते हैं, यह सोचते हुए कि यह उनके भविष्य के लिए बेहतर है।
अहमदाबाद में अन्य कार्यक्रम
अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान, अमित शाह ने अहमदाबाद में कई अन्य विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने सार्वजनिक सुविधाओं, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों की समीक्षा की। इस दौरे का उद्देश्य न केवल विकास परियोजनाओं को गति देना है, बल्कि गुजरात में भाजपा सरकार के कामकाज का आकलन करना भी है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बैठकें कीं और आगामी चुनावों की रणनीति पर भी चर्चा की। अमित शाह का यह दौरा गुजरात के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण घटना है।
राजनीतिक और सामाजिक संदेश
अमित शाह का मातृभाषा पर जोर देना एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक संदेश भी देता है। यह भाजपा की 'भारतीयता' और 'संस्कृति' को बढ़ावा देने की नीति के अनुरूप है। यह बयान न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने का प्रयास है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार अपनी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के प्रति कितनी गंभीर है। यह दौरा गुजरात के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, जो उन्हें अपने केंद्रीय नेतृत्व के साथ सीधे तौर पर जुड़ने का मौका देता है।