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भारत में आईफोन 17 प्रो और 17 प्रो मैक्स की कमी रिटेलर्स ने कहा टॉप एंड मॉडल्स की सप्लाई हुई कम जिससे ग्राहकों को हो रही है परेशानी

Apple की नई iPhone 17 Pro और 17 Pro Max सीरीज की प्री-बुकिंग शुरू होते ही, भारत में इनकी जबरदस्त मांग के कारण भारी कमी देखी जा रही है। रिटेलर्स का कहना है कि ग्राहकों को इन प्रीमियम मॉडल्स को पाने के लिए एक हफ्ते या उससे भी ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है। इस कमी की मुख्य वजह टॉप मॉडल्स की सप्लाई कम होना बताई जा रही है।


डिमांड-सप्लाई का असंतुलन Apple ने इस बार भारत में अपना रिटेल नेटवर्क 500 से ज्यादा शहरों तक फैला दिया है। इसका मतलब है कि हर स्टोर को मिलने वाले प्रो और प्रो मैक्स यूनिट्स की संख्या घट गई है। उदाहरण के लिए, अगर किसी स्टोर को 500 यूनिट्स मिलते हैं, तो उनमें से केवल 50 प्रो और 10 प्रो मैक्स होते हैं। टॉप-एंड मॉडल, जैसे 512GB और 1TB स्टोरेज वाले, तो और भी दुर्लभ हैं।


रिटेलर्स के मुताबिक, लॉन्च के दिन ग्राहक अक्सर प्रो या प्रो मैक्स मॉडल और टॉप-टियर स्टोरेज की तलाश में आते हैं। हालाँकि, उनके पास स्टॉक पर्याप्त नहीं होता, जिससे वे ग्राहकों की मांग पूरी नहीं कर पाते। जिन रिटेलर्स ने एडवांस बुकिंग ली है, उन्हें भी ग्राहकों को फोन देने में मुश्किल हो रही है, और उन्हें ग्राहकों को दूसरे वैरिएंट चुनने के लिए मनाना पड़ रहा है। कई ग्राहक सीधे Apple के आधिकारिक चैनलों से खरीदारी कर रहे हैं, क्योंकि वहां डिलीवरी की तारीख थोड़ी स्पष्ट है।


कम सप्लाई के कारण Apple के डिस्ट्रीब्यूटर्स ने सितंबर 19 की बिक्री के लिए पर्याप्त सप्लाई का वादा किया था, लेकिन शुरुआती आवंटन पिछले साल के मुकाबले 40% कम रहा है। हालाँकि, Apple के सूत्रों का कहना है कि यह सप्लाई चेन की समस्या नहीं है, बल्कि मांग-आपूर्ति का असंतुलन है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि प्रत्येक रिटेलर को मिलने वाली यूनिट्स कम हो गई हैं, क्योंकि Apple ने अपने चैनल को पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ा दिया है।


यह स्थिति Apple के लिए एक चुनौती है, खासकर भारत जैसे बड़े और बढ़ते बाजार में। एक तरफ, कंपनी अपने रिटेल नेटवर्क को बढ़ाकर अधिक ग्राहकों तक पहुंचना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ, ग्राहकों को उनके पसंदीदा मॉडल्स की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इससे उन ग्राहकों में निराशा हो सकती है जो नए iPhone को तुरंत पाना चाहते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए, Apple को अपनी सप्लाई चेन और डिस्ट्रीब्यूशन रणनीति को और मजबूत करना होगा, ताकि मांग के अनुसार स्टॉक उपलब्ध हो सके।