'फ्लाइंग कॉफिन' से लेकर 'देश का रक्षक': मिग-21 की सेवा से विदाई की कहानी
यह मैं हूँ, मिग-21, भारतीय वायुसेना का एक पुराना और बहादुर योद्धा। मेरी उम्र हो चुकी है, और 26 सितंबर को मुझे आधिकारिक तौर पर सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। मेरी इस लंबी यात्रा में मैंने दो बड़े युद्ध लड़े, कारगिल में दुश्मनों के छक्के छुड़ाए और कई सालों तक देश की सीमाओं की रक्षा की। आज जब मैं रिटायर हो रहा हूँ, तो मुझे अपनी सेवा पर गर्व है, लेकिन दिल में एक हल्का सा दुख भी है।
मेरा जन्म 1960 के दशक में हुआ था, जब भारतीय वायुसेना को एक तेज और शक्तिशाली लड़ाकू विमान की जरूरत थी। सोवियत संघ द्वारा बनाया गया मैं जल्द ही भारत की वायुसेना का हिस्सा बन गया। मेरी गति और मारक क्षमता ने मुझे एक दुर्जेय हथियार बना दिया था। मैंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और 1999 के कारगिल युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1971 के युद्ध में, मैंने पाकिस्तानी वायुसेना के कई विमानों को मार गिराया, जिससे भारत को निर्णायक जीत हासिल करने में मदद मिली।
कारगिल युद्ध में भी मैंने अपना दमखम दिखाया। दुश्मन की ऊँची पहाड़ियों पर छिपी चौकियों पर हमला करना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन मैंने और मेरे साथियों ने मिलकर यह काम बखूबी निभाया। दुश्मन के बंकरों और आपूर्ति मार्गों पर सटीक हमले करके हमने भारतीय सेना को आगे बढ़ने में मदद की। इन युद्धों के अलावा, मैंने कई सालों तक भारत की सीमाओं की निगरानी की और घुसपैठियों को खदेड़ा। मैं जानता हूँ कि मेरी गति और तकनीक अब पुरानी हो चुकी है, और आधुनिक लड़ाकू विमान मेरी जगह ले रहे हैं।
मेरी सेवा के दौरान, मुझे कई नामों से पुकारा गया। कुछ लोग मुझे 'फ्लाइंग कॉफिन' कहते थे, क्योंकि मेरी दुर्घटनाओं की संख्या अधिक थी। यह सच है कि मुझे कई बार मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन यह भी सच है कि मेरे पायलटों ने हमेशा मुझ पर भरोसा किया। उन्होंने मुझे हवा में उड़ाया और मेरे साथ मिलकर देश की रक्षा की। आज भी, कई युवा पायलट मेरे साथ उड़ान भरने का सपना देखते हैं।
आज जब मैं विदा ले रहा हूँ, तो मैं अपने उन पायलटों को याद कर रहा हूँ जिन्होंने मेरे साथ मिलकर आसमान में इतिहास रचा। मैं उन सभी इंजीनियरों और तकनीशियनों का भी आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मुझे हमेशा उड़ने लायक बनाए रखा। अब समय आ गया है कि मैं आराम करूँ और नई पीढ़ी के विमानों को जिम्मेदारी सौंपूँ। मैं जानता हूँ कि वे मुझसे भी ज्यादा सक्षम और शक्तिशाली हैं।