11 साल बाद बढ़ेगी EPFO की मिनिमम पेंशन ₹2500 की नई राशि पर सहमति बनने के आसार करोड़ों पेंशनभोगियों को मिलेगा सीधा लाभ
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत आने वाले लाखों पेंशनधारकों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आ रही है कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS 95) के तहत मिलने वाली न्यूनतम मासिक पेंशन को जल्द ही ₹1000 से बढ़ाकर ₹2500 किया जा सकता है यह फैसला श्रम मंत्रालय की ओर से 10 और 11 अक्टूबर को होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक में लिया जा सकता है अगर यह प्रस्ताव पारित होता है तो इससे देश के करोड़ों पेंशनभोगियों को सीधा फायदा मिलेगा।
गौरतलब है कि EPFO की मिनिमम पेंशन की राशि पिछले 11 सालों से यानी 2014 से ₹1000 पर अटकी हुई है लंबे समय से पेंशनधारक संगठन और विभिन्न मजदूर यूनियनें इस राशि को बढ़ाने की मांग कर रही थीं उनका तर्क था कि बढ़ती महंगाई और जीवन यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए ₹1000 की राशि आज के दौर में जीवन गुजारने के लिए अपर्याप्त है।
इस मुद्दे पर श्रम मंत्रालय और केंद्रीय न्यासी बोर्ड (Central Board of Trustees CBT) लंबे समय से विचार विमर्श कर रहे हैं ₹2500 की न्यूनतम पेंशन करने का प्रस्ताव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पेंशनधारकों को मौजूदा आर्थिक चुनौतियों से निपटने में कुछ हद तक मदद करेगा हालांकि पेंशनधारकों की मांग तो इसे ₹7500 तक करने की है लेकिन शुरुआती चरण में ₹2500 की वृद्धि को भी एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।
10 और 11 अक्टूबर को होने वाली CBT की बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगने की पूरी संभावना है इस बैठक में EPFO के फंड प्रबंधन पेंशन फंड से संबंधित वित्तीय स्थिरता और बढ़ी हुई पेंशन राशि के लिए आवश्यक अतिरिक्त वित्तीय बोझ जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहन चर्चा होगी विशेषज्ञ मान रहे हैं कि वित्तीय पहलुओं पर सहमति बनने के बाद इस निर्णय को जल्द ही लागू कर दिया जाएगा।
अगर यह फैसला होता है तो यह केंद्र सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा और वृद्धावस्था आय सुरक्षा (Old Age Income Security) को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा EPFO पेंशन उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा है जिन्होंने अपना पूरा जीवन संगठित क्षेत्र में काम करते हुए बिताया है न्यूनतम पेंशन में यह बढ़ोतरी निश्चित रूप से पेंशनभोगियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और उन्हें आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगी। देश भर के करोड़ों पेंशनधारक अब इस बैठक के नतीजे का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।