All Trending Travel Music Sports Fashion Wildlife Nature Health Food Technology Lifestyle People Business Automobile Medical Entertainment History Politics Bollywood World ANI BBC Others

शांत मन बनाम क्रोधित मन: स्वामी अवधेशानंद जी के विचारों में जीवन का सार

आधुनिक जीवन की भागदौड़ में हम अक्सर अपने भीतर के शोर में खो जाते हैं। ऐसे में, स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र हमें एक शांत और सार्थक जीवन की राह दिखाते हैं। उनका एक कथन बहुत गहरा अर्थ रखता है: "मन शांत होता है, तो हम स्वयं को देख पाते हैं, गुस्से में हम स्वयं से दूर हो जाते हैं।" यह सूत्र हमें बताता है कि मन की स्थिति का हमारे अस्तित्व और आत्मज्ञान पर सीधा प्रभाव पड़ता है।


जब हमारा मन शांत और स्थिर होता है, तो वह किसी स्वच्छ दर्पण की तरह बन जाता है। इस स्थिति में, हम अपने विचारों, भावनाओं और इच्छाओं को बिना किसी पूर्वाग्रह के स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। यह शांति हमें अपनी कमजोरियों और शक्तियों को समझने में मदद करती है, जिससे हम खुद को बेहतर जान पाते हैं। शांत मन ही हमें सही निर्णय लेने की क्षमता देता है, क्योंकि यह बाहरी शोर और आवेगों से मुक्त होता है।


इसके विपरीत, क्रोध एक ऐसी आग है जो हमारी चेतना को धुंधला कर देती है। जब हम गुस्से में होते हैं, तो हमारा मन पूरी तरह से अस्थिर और अशांत हो जाता है। इस अवस्था में, हम तर्क और विवेक खो देते हैं। हम ऐसे काम कर बैठते हैं या ऐसी बातें कह देते हैं, जिनका हमें बाद में पछतावा होता है। गुस्से में हम वह व्यक्ति नहीं रह जाते जो हम वास्तव में हैं; हम खुद से दूर होकर एक अनियंत्रित ऊर्जा के गुलाम बन जाते हैं।


स्वामी जी का यह सूत्र सिर्फ एक आध्यात्मिक ज्ञान नहीं है, बल्कि यह हमारे रोजमर्रा के जीवन के लिए एक व्यावहारिक सलाह है। ध्यान और आत्मनिरीक्षण जैसी क्रियाएं हमें अपने मन को शांत करने में मदद कर सकती हैं। जब हम शांत होते हैं, तो हम अपनी भावनाओं को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर पाते हैं और दूसरों के साथ हमारे संबंध भी सुधरते हैं। शांत मन हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए मानसिक शक्ति देता है।


अंत में, स्वामी अवधेशानंद जी का यह सूत्र एक महत्वपूर्ण सबक सिखाता है: आत्मज्ञान का रास्ता मन की शांति से होकर गुजरता है। हमें अपने मन को शांत रखने का अभ्यास करना चाहिए, ताकि हम स्वयं को जान सकें और क्रोध की विनाशकारी शक्ति से बच सकें। यह हमारे जीवन को न सिर्फ अधिक शांत बनाता है, बल्कि हमें अपने सच्चे स्वरूप के करीब भी लाता है।