राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: पीएम के सलाहकार के रूप में अमित खरे का सबसे महत्वपूर्ण योगदान
प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में अपनी ईमानदारी और बेबाक फैसलों के लिए जाने जाने वाले रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अमित खरे को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का नया सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति उनकी लंबी और बेदाग करियर की एक और कड़ी है, जिसमें उन्होंने कई ऐतिहासिक पदों पर काम किया है। खरे की नियुक्ति को उनकी स्वच्छ छवि और मजबूत प्रशासनिक क्षमता के लिए एक बड़ा सम्मान माना जा रहा है, जो उनके करियर की सबसे बड़ी पहचान है।
अमित खरे का नाम देश में तब सुर्खियों में आया था जब उन्होंने 1996 में बिहार के कुख्यात चारा घोटाले का पर्दाफाश किया था। उस समय वह चाईबासा के उपायुक्त थे। अपनी निडरता दिखाते हुए, खरे ने घोटाले में शामिल कई बड़े राजनेताओं और अधिकारियों के खिलाफ पहली प्राथमिकी दर्ज की थी। इस साहसिक कदम ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया और अंततः इस मामले में कई शीर्ष राजनेताओं को सजा हुई। चारा घोटाले को उजागर करने के उनके काम ने उन्हें एक ऐसे अधिकारी के रूप में स्थापित किया जो किसी भी दबाव में नहीं झुकता और हमेशा सत्य के पक्ष में खड़ा होता है।
अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, खरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अक्टूबर 2021 से सितंबर 2023 तक इस पद पर रहते हुए, उन्होंने सरकार की कई प्रमुख पहलों में अपनी विशेषज्ञता का योगदान दिया। उनका सबसे बड़ा योगदान शिक्षा क्षेत्र में माना जाता है। केंद्र में शिक्षा सचिव के पद पर रहते हुए उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) को तैयार करने और लागू करने में अहम भूमिका निभाई। यह नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से लाई गई है और इसे खरे की प्रशासनिक दूरदर्शिता का एक प्रमाण माना जाता है।
अमित खरे के करियर में झारखंड और बिहार में कई महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव के रूप में भी कार्य किया, जहां उन्होंने मीडिया और संचार नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी नई जिम्मेदारी, उपराष्ट्रपति के सेक्रेटरी के रूप में, उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद के साथ काम करने का अवसर देती है। यह नियुक्ति उनकी मजबूत नेतृत्व क्षमता, प्रशासनिक कुशलता और बेदाग छवि का प्रमाण है।